1- किचेन गार्डेन :- बच्चों का कुपोषण से बचाव के लिए अविभावक व
समुदाय स्तर पर किचेन गार्डेन पर परिप्रेक्ष्य निर्माण हुआ जिसका उद्देश्य यह रहा
कि बच्चों को हरी ताजी सब्जीया नियमित मिले व बच्चों को प्रर्याप्त पौष्टिक आहार
मिले जिससे बच्चों का कुपोषण से बचाव हो सके | मुसहर व दलित समुदाय अपने बच्चों को
बेहतर स्वास्थ्य के लिए किचेन गार्डेन की परिकल्पना को अपने छोटी सी जगह में लगाना
शुरू किया जिसमे सेम, पालक, नेनुआ लौकी तरुई, चिचिडा कैरैला, कोहड़ा, सहजन व बैगन,
टमाटर लहसुन व हरा धनिया कि खेती किये | जिसका प्रभाव यह रहा कि बच्चे कुपोषण की
तरफ कम जा रहे है | क्षेत्र- रायतारा गाँव ( पिंडरा) , परमन्दापुर गाँव (
अराजीलाईन ), आयर ( हरहुआ ) |
2- मातृ
समिति :- ICDS विभाग की
सेंवाए वच्चो व गर्भवती,धात्री माताये तक सही तरीके से पंहुंचे जिसके लिये मातृ
समिति का सक्रिय हुआ इस प्रक्रिया
में समुदाय व अविभावको की भागीदारी रही | रायतारा गाँव ( पिंडरा)
3- बाल पंचायत का मजबूतीकरण :- बच्चों की अभिव्यक्ति व लेखन कौशल व नेतृत्व
क्षमता का विकास करने के लिए बाल पंचायत का मजबूतीकरण हुआ है व पेनपाल की
परिकल्पना को बच्चों ने अपने अन्दर उतरा | पिंडरा, परमन्दापुर गाँव ( अराजीलाईन ),
आयर ( हरहुआ ), सरायमोहना |
4- आवास :- आवास विहीन मुसहर समुदाय को पैरवी से पक्का आवास
बनने से जीवनशैली में आया परिवर्तन, परमन्दापुर गाँव ( अराजीलाईन ) |
5-
अनटाईड
फण्ड :- कुपोषित बच्चे के
इलाज व दवा के लिए अविभावको के पास पैसे की आर्थिक तंगी रहती थी जिससे बच्चों का
इलाज ठीक से नहीं करा पाते थे ऐसे में इन बच्चों के लिए आर्थिक सहायता की माँग
हुयी और हर कुपोषित बच्चों को अनटाईड फण्ड से 1000=/ का आर्थिक सहायता मिला |
जिसका उपयोग माता-पिता अपने बच्चे के ईलाग में किये और वही बच्चा कुपोषण से दूर
हुआ | आयर ( हरहुआ )
6- बच्चों का नामांकन :-पिंडरा ब्लाक के रायतारा गाँव में 13 बच्चों का
नामांकन छूटा हुआ था DM,ABSA,NCPCR से शिकायत के बाद इन बच्चों का नामांकन हुआ,
जिससे मुसहर समुदाय में बदलाव आया |
7- जन्म प्रमाण :- 0-7 वर्ष के बच्चे जन्म जन्म प्रमाण पत्र से
वंचित रहे जिनके पास कोई पहचान पत्र नहीं था | जन्म प्रमाण पत्र से छूटे हुए
बच्चों के लिए पिछले 2 वर्षो से लगातार पैरवी हुआ | अप्रैल
माह में कुल 115 बच्चों का जन्म प्रमाण पत्र बन कर मिला |