Tuesday, January 14, 2014

Muzaffaranar victims: Displaced, hounded and killed in a bloody path of politics

 Last year during the month of December,2012 the whole country witnessed a series of protest and condemnation in Nirbhaya rape[v] case but a deafening silence on the part of the civilized civil society groups on the reported 13 incidents of rape and molestation of riot affected women of Muzaffarnagar till 5 November, 2013 puts a question mark on their role in society.

The incidents of molestation and mindless killings during the communal violence of Muzaffarnagar and consequent blocking of the news clearly speak of a nexus among the Hindu fascist force, communal section of media in local, administration and communal forces from Muslim community. It clearly confirms the remarks made by the renowned Anglo-Irish political thinker and philosopher, Edmond Burke on India, “In that Country the law of religion, the laws of the land, and the law of honour, are all united and consolidated in one, and bind a man eternally to the rule of what is called his caste.”

Monday, January 13, 2014

Parul Sharma in India and thanks to Swedish donors


About the visit of Ms. Parul Sharma to Varanasi,Jaunpur and Sonbadra of UP,India,where Swedish donors supported different projects through Ms.Parul Sharma ji to PVCHR and JMN(www.pvchr.asia).Thanks to all 200 hundred Swedish donors by PVCHR,Dr. Lenin Raghuvanshi and Ms. Parul Sharma.

Documentary made by Mr. Rohit Kumar of PVCHR(http://www.bistandsaktuelt.no/nyheter-og-reportasjer/arkiv-nyheter-og-reportasjer/it-opptur-for-indias-kastel%C3%B8se)

Friday, January 10, 2014

..जब इटली से आए विदेशियों ने यहां लगाई दिलचस्प पंचायत!

वाराणसी. इटली से आए 32 लोगों की एक टीम ने पिंडरा ब्लाक के सराय गांव के मुसहर बस्ती में अपनी पंचायत लगाई। बेरोजगारी और अशिक्षा की वजह से इस बस्ती के लोग बंधुआ मजदूरी के चंगुल में दशकों से फंसे थे।

मानवाधिकार जन निगरानी समिति के अचूक प्रयासों की वजह से आज पूरा गांव इस दलदल से बाहर आ चुका है। इन ग्रामीणों के संघर्ष कि दिलचस्प कहानी को सुनने और जांबाज़ी को सलाम करने इटली से यह टीम यहां पहुंची।

ग्रामीण राम दयाल ने बताया कि मानवाधिकार जननिगरानी ने 2004 में इस गांव में लोगों को एकजुट करना शुरू किया, जब यहां पर लोग बंधुआ मजदूरी करते थे। यहां इन लोगों के पास जीवन जीने के लिए कोई भी मूलभूत सुविधाए उपलब्ध नहीं थी। लोग दबंगों से बहुत डरे और सहमे रहते थे।

इसके बाद बस्ती में धीरे-धीर लोगों में जागरूकता बढ़ी और योजनाओं तक लोगों की पहुंच बढ़ी। महासचिव डॉ लेलिन ने बताया कि ये विदेशी उन दलितों मुसहर जाति के लोगों से प्रभावित हैं, जो कभी गुलाम हुआ करते थे। बंधुआ मजदूरी के गर्त में डूबे हुए थे। आज की इस बदली हुई तस्वीर को देखने ही इटली से इतने सारे लोग यहां आए हैं।

क्या कहा इटली से आई टीम ने

फादर बरनैडो सर्वेलेरा ने बताया कि ग्रामीणों में गजब का आत्मविश्वास है। इन लोगों ने जीवन की दिशा और दशा दोनों को बदला है। इटली से आए अन सभी लोगों ने इनके संघर्ष की लड़ाई से बहुत कुछ सीखा है।

हम इसे इटली के लोगों को बताएंगे कि कैसे संसाधन विहीन समुदाय ने संघर्ष से अपने जीवन को खुशहाल बनाया है। फादर बरनैडो सर्वेलेरा ने कहा कि हर ईसाई और कैथोलिक उनके अहिंसात्मक संघर्षों के साथ है।

आगे देखें इटली से आए इन लोगों ने कैसे जानी गांव वालों की दास्तां...
http://www.bhaskar.com/article/UP-VAR-father-bernardo-cervellera-team-panchayat-with-musahar-community-4489458-PHO.html

Wednesday, January 8, 2014

Visit of a team in leadership of Fr Bernardo Cervellera.


Post by PVCHR.